Steve Jobs Motivational Speech in Hindi (स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण)
Contents
- 1 Steve Jobs Motivational Speech in Hindi (स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण)
- 2 Steve Jobs Motivational Speech in Hindi: पहली कहानी (First Story) – Connecting The Dots
- 3 Steve Jobs Motivational Speech in Hindi: दूसरी कहानी (Second Story) – Love and Loss
- 4 Steve Jobs Motivational Speech in Hindi: तीसरी कहानी (Third Story) – Death
- 5 हमारी अन्य पोस्ट्स पढ़ें
इस ब्लॉग पोस्ट में हम पढ़ेंगे और समझेंगे महान हस्ती स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण (Steve Jobs Motivational Speech in Hindi).
आप सभी ने एप्पल कंपनी का नाम तो सुना ही होगा आज हम उस कंपनी के को फाउंडर स्टीव जॉब्स के बारे में बात करेंगे जिन्हें ” father of the digital world” भी कहा जाता है। जब भी दुनिया के प्रभावशाली उधमियों का नाम लिया जाता है, तो उसमे एक नाम जरूर होता है और वो नाम है स्टीव जॉब्स का
स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फ़रवरी 1955 को san francisco, California में हुआ था।
आज मैं स्टीव जॉब्स के सबसे अच्छे भाषण को आप से साझा कर रही हूं!
यह भाषण उन्होंने अपने कॉलेज Stanford के दीक्षांत समारोह में दिया था जिस से मुझे प्रेरणा मिलती है और आशा है आप सभी को भी मिलेगी
उन्होंने अपने कॉलेज के दीक्षांत समारोह में अपने जीवन की तीन प्रेरक कहानियां बताई थी जिनमें पहली कहानी को उन्होंने नाम दिया था ” connecting the dots“
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi: पहली कहानी (First Story) – Connecting The Dots
इसमें उन्होंने बताया कि उनके पैदा होने से पहले ही उनकी पढाई की तैयारियां शुरू हो गई थी ! उनको जन्म देने वाली उनकी माँ एक युवा , अविवाहित कॉलेज ग्रेजुएट छात्रा थी ! इसलिए उन्होंने स्टीव को किसी को गोद देने का फैसला किया।
वे बड़ी शिद्दत से चाहती थी कि उन्हें जो लोग गोद लें वे कॉलेज ग्रेजुएट हो ! इसलिए उनके जन्म से पहले ही तय हो गया था कि एक वकील और उनकी पत्नी उन्हें गोद लेंगे !
पर जब वे पैदा हो गए तो वकील और उनकी पत्नी ने महसूस किया था कि वे एक लड़की चाहते थे !इसलिए उन्होंने गोद लेने से मना कर दिया उसके बाद प्रतीक्षारत उनके माता – पिता को आधी रात को फ़ोन पहुंचा !
उनसे पूछा गया कि हमारे पास एक लड़का है क्या वे इसे गोद लेना चाहेंगे ? और उन्होंने हां कह दिया ! स्टीव के जैविक माता – पिता को जब पता चला कि वे जिस माँ को उन्हें गोद देने जा रहे थे , उन्होंने कभी कॉलेज की पढाई नहीं की है और उनके भावी पिता हाई स्कूल भी पास नहीं थे !
उन्होंने गोद देने वाले कागजो पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया ! और वे इसके कुछ एक महीनो बाद तभी मानी जब उनके माता – पिता ने वादा किया कि वे एक दिन उन्हें कॉलेज पढ़ने के लिए ज़रूर भेजेंगे !
उन्होंने स्टीव को पढ़ाने के लिए खूब मेहनत करी और सत्रह वर्षो बाद वे कॉलेज पढ़ने गए लेकिन उन्होंने जानबूझ कर एक महंगा कॉलेज चुना जो कि स्टेनफोर्ड जैसा ही महंगा था ! और उनके कामगार श्रेणी के माता – पिता की सारी बचत कॉलेज की फ़ीस में ख़त्म होने लगी थी
छः महीने बाद उन्हें लगने लगा कि इसकी कोई कीमत नहीं है और उनकी इस क्षेत्र में दिलचस्पी नहीं है ! पर उन्हें यह भी पता नहीं था की उन्हें जिंदगी में क्या करना था !
रीड कॉलेज में पहले छः महीने के बाद ही वे बाहर आ गए थे! करीब 18 और महीनो तक वे इसमें किसी तरह बने रहें ! लेकिन बाद में वास्तव में उन्होंने पढाई छोड़ दी ।
उन्होंने अपना कॉलेज छोड़ने का फैसला किया और भरोसा रखा कि इससे सब कुछ ठीक हो जायेगा। लेकिन शुरू में यह विचार काफी डरावना था क्योंकि अपनी पढ़ाई छोड़कर किसी नौकरी की तलाश करना बेहद कठिन होता है।
बाद में यह उनके लिए सबसे अच्छे फैसलों में से एक बन गया ! कॉलेज छोड़ने के बाद उन्होंने उन कक्षाओं में प्रवेश लेना शुरू किया जो कि उन्हें मनोरंजक लगते थे जिन्हें पढ़ के उन्हें अच्छा लगता था
उस समय उनके पास रहने के लिए एक कमरा भी नहीं था इसलिए वे अपने दोस्तों के कमरों के फर्श पर सोया करते थे और कोक की बोतले इकट्ठा कर खाने का इंतजाम करते थे और हरे कृष्ण मंदिर में अच्छा खाना खाने के लिए प्रत्येक रविवार की रात सात मील पैदल चल कर जाते थे पर बाद में उन्होंने अपनी उत्सुकता और पूर्व आभास को अमूल्य पाया
उस समय रीड कॉलेज में कैलीग्राफी की सबसे अच्छी शिक्षा दी जाती थी ! उस कॉलेज के परिसर में लगे पोस्टर , प्रत्येक ड्रावर पर लगा लेवल खूबसूरती से कैलीग्राफ्ड होता था ! चूँकि वे पहले ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ चुके थे और अन्य कक्षाओं में उनकी रुचियां नहीं थी इसलिए उन्होंने कैलीग्राफी कक्षा में प्रवेश ले लिया !
वहां पढ़ते हुए उन्होंने विभिन्न टाइप फेसो के बारे में बारीकियों से जाना और उन्हें लगा कि यह किसी भी साइंस की तुलना में अधिक सुन्दर और आकर्षक है !
इन चीज़ों का उनके जीवन में किसी तरह के व्यावहारिक उपयोग की कोई सम्भावना नहीं थी।
लेकिन कहा जाता है कि कोई भी ज्ञान बेकार नहीं जाता।दस वर्षो के बाद जब वे मैकॉंटाश (Mcintosh) के पहले कंप्यूटर को डिजाइन कर रहे थे उस समय उन्होंने अपना सारा कैलिग्राफी की कक्षा से प्राप्त किया हुआ ज्ञान इसमें उड़ेल दिया ! वह पहला ऐसा कंप्यूटर था जिसमे सुन्दर टाइपोग्राफी थी।
अगर उन्होंने इस कोर्स को नहीं किया होता तो मैक का मल्टीपल टाइपफेस इतना सुन्दर नहीं होता और किसी भी पर्सनल कंप्यूटर में यह बात नहीं होती ! अगर उन्होंने कॉलेज नहीं छोड़ा होता तो कैलीग्राफी क्लास में नहीं गया होता तो यह कभी नहीं हो पाता।
इसलिए वे कहते हैं कि यह निर्णय उनके जीवन के अच्छे निर्णयों में से एक है और यह निर्णय आगे चल कर उन्हें जीवन में सफल होने के लिए बहुत मददगार साबित हुआ।
उन्होंने बताया कि
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi – स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण से पहली सीख
आम तौर पर आप भविष्य में पूर्वानुमान लगाकर आगे नहीं बढ़ सकते है लेकिन आप यह ज़रूर तय कर सकते है की आप क्या करना चाहते है, और अपनी आर्थिक स्तिथि को देख कर सही कदम उठा सकते हैं।
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi – स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण से दूसरी सीख
आपको भरोसा रखना होगा कि आप जो फैसले कर रहें है वो आपको भविष्य में मददगार साबित होंगे ! हमेशा अपने आप पर विश्वास रखे और मेहनत और लगन से काम करते जाएं, आप ज़रूर सफल होंगे।
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi: दूसरी कहानी (Second Story) – Love and Loss
उनकी दूसरी कहानी को उन्होंने नाम दिया ” love and loss “
उन्होंने बताया कि वे अपने आप को खुश नसीब समझते हैं क्योंकि वे जिस चीज को चाहते थे उन्हें जल्दी ही मिल जाती थी।
उन्होंने और उनके भाई वोज ने अपने पिता के गराज से Apple शरू की तब वे 20 साल के थे। उन्होंने बहुत मेहनत की और 10 साल में Apple दो लोगों से बढ़ कर $2 Billion और 4000 लोगों की कंपनी हो गई।
तब उन्होंने अपना सबसे अच्छा उत्पाद मेंकितोष जारी किया था उस समय एक वर्ष पहले ही उन्होंने अपनी 30वीं सालगिरह मनाई थी लेकिन इसके बाद ही उन्हें उनकी अपनी कंपनी से निकाल दिया गया!
आप सभी सोच रहे होंगे कि किसी व्यक्ति को उसकी अपनी कंपनी से कैसे निकाला जा सकता है ,हां यह संभव है और इसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे!
इस निर्णय के वजह से वे बहुत निराश हुए और इसके बाद कुछ महीनो तक उन्हें कुछ समझ नहीं आया कि उन्हें क्या करना चाहिए इसके वजह से उन्हें ऐसा लगने लगा था कि उन्होंने पहली पीढ़ी के उद्यमियों को निराश किया है
उस समय यह बात भी उनके समझ में नहीं आयी की उन्हें कंपनी से क्यों निकाल दिया गया ! लेकिन बाद में उन्हें लगा की एप्पल से हटा दिया जाना एक अच्छी बात थी और इसमें सबसे अच्छी बात थी जो कि उनके लिए कभी हो सकती थी कि वे अपने जीवन के सबसे रचनात्मक दौर में प्रवेश कर गए !
उन्होंने बहुत सी दूसरी चीज़ों के बारे में जाना और अगले पांच वर्षो के दौरान उन्होंने २ नई कंपनी “ नेक्स्ट “ और “पिक्सर “ (Pixar) शुरू की और उन्हें एक महिला से प्यार हुआ , जिन से आगे चल कर उनका विवाह हुआ।
पिक्सर एक एनिमेशन स्टूडियो है जिसने दुनिया की सबसे पहली कंप्यूटर एनिमिटेड फीचर फिल्म ‘टॉय स्टोरी‘ (Toy Story) बनाई और अब अभी यह दुनिया का सबसे सफल एनीमेशन स्टूडियों है ! शायद आप भी इस स्टूडियो का नाम जानते होंगे।
एक असाधारण घटना के तहत एप्पल ने नेक्स्ट को खरीद लिया और वे फिर से एप्पल में वापस आ गए!
उन्होंने नेक्स्ट में जो तकनीक विकसित की वह एप्पल के वर्तमान पुनर्जीवन के लिए उत्तरदाई है।
इसी के साथ ही उनकी पत्नी और उनका परिवार भी बढ़ा ! उन्होंने बताया कि वे यह बात सुनिश्चित तौर पर कह सकते हैं कि अगर उन्हें एप्पल से हटाया नहीं जाता तो ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा होता।
यह एक तरह की स्वाद में बुरी दवा थी लेकिन मरीज को इसकी सख्त जरुरत थी।
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi – स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण से तीसरी सीख
जीवन अक्सर हमें ठोकर मारता है लेकिन हमें उससे निराश होकर बैठ नहीं जाना चाहिए, यह समझना चाहिए कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है और प्रयास करते रहना चाहिए ।
आगे उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है की जिस चीज ने उन्हें क्रियाशील बनाये रखा था , वह अपने काम के प्रति उनका प्यार था !
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi – स्टीव जॉब्स का प्रेरक भाषण से चौथी सीख
आपको जीवन में यह पता लगाना होता है कि आप किस काम से प्यार करते है ! यह बात काम को लेकर भी उतनी ही सच है जितनी प्रेमी – प्रेमिकाओ को लेकर होती है।
आपको जीवन में यह पता लगाना होता है कि आप किस काम से प्यार करते है ! यह बात काम को लेकर भी उतनी ही सच है जितनी प्रेमी – प्रेमिकाओ को लेकर होती है।
जैसे आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अपना जीवन नहीं व्यतीत कर सकते जिसे आप प्रेम नहीं करते, उसी प्रकार आप उस क्षेत्र में कभी अच्छे से काम नहीं कर पाएंगे जिसमें आपकी रुचि नहीं है , हमेशा अपने काम से प्यार करना चाहिए।
आपका काम एक ऐसी चीज है जो कि आपके जीवन के एक बड़े खाली हिस्से को भरता है महान काम करने की एकमात्र शर्त यही है कि आप अपने काम से प्यार करे ।
अगर आप अपने काम से प्यार करेंगे तो आप को कार्य करने में आसानी तथा काम पूरा होने पर खुशी भी मिलेगी क्योंकि आखिर में जो चीज़ सबसे ज्यादा जरूरी होती है वो है खुश रहना.
Steve Jobs Motivational Speech in Hindi: तीसरी कहानी (Third Story) – Death
उनकी तीसरी और आखिर कहानी को उन्होंने नाम दिया “ Death”
जिसमें उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने एक लेख पढ़ा था “अगर आप अपने जीवन के प्रत्येक दिन को अंतिम दिन मानकर जीते है तो किसी दिन आप निश्चित ही सही सिद्ध होंगे “
वे रोज़ खुद से यह सवाल करते थे की अगर यह जीवन का आखिरी दिन हो , क्या में वह सब करूँगा जो कि मै आज करने वाला हूं “! और जब कई दिनों तक इस प्रश्न का उत्तर नकारात्मक रहा तो उन्हें लगा कि मुझे कुछ बदलने की जरुरत है !
उन्होंने अपने जीवन के सबसे बड़े फैसलों को करते समय अपनी मौत के विचार को सबसे महत्वपूर्ण औजार बनाया क्योंकि मौत के सामने सभी बाहरी लोग, सारा घमंड , असफलता या व्याकुलता का डर समाप्त हो जाता है और जो कुछ वास्तविक रूप से महत्वपूर्ण है बचा रह जाता है
वे सोचते थे कि जब आप याद रखते है कि आप मरने वाले है तो आपका सारा भय समाप्त हो जाता है कि आप कुछ खोने वाले है।
जब आप के पास पहले से ही कुछ खोने के लिए नहीं होता तो शायद आप अपने दिल की सुनते हैं और उस दिशा में काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि इस भाषण से करीब एक वर्ष पूर्व उनका कैंसर का इलाज हुआ। सुबह साढ़े सात बजे स्केन किया गया जिसमें स्पष्ट रूप से पता लगा कि उनके पैंक्रीएस में एक ट्यूमर है।
उस समय उन्हें ये भी पता नहीं था कि पैंक्रीएस कैसा होता है ।उनके डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि यह एक प्रकार का कैंसर है जो कि असाध्य है और वे तीन से छः माह तक ही जीवित रह पाएंगे।
उनके डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी की वे अपने सारे अधूरे कामकाज इन कुछ महीनों में निपटा दें और डॉक्टर ने ये भी कहा कि अपने बच्चो को जो आप दस साल में बताने वाले है , उन बातो को इन कुछ महीनो में बता दें।
स्टीव यह जान गए थे कि वे अब ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहेंगे और उन्होंने यह बात ध्यान में रखते हुए अपने सारे काम जल्दी से जल्दी करने शुरू कर दिए।
पर डॉक्टरों ने अपने परीक्षण में पाया कि वे ऐसे कैंसर से पीड़ित है जो कि ऑपरेशन से ठीक किया जा सकता है ! उनका ऑपरेशन किया गया और अब वे पूरी तरह से ठीक हैं। यह उनका मौत के सबसे करीब होने का अनुभव था। हम सभी जानते है कि हम सब को एक नए एक दिन जाना है, क्योंकि जाने वाले को कौन ही रोक सकता है।
आपका समय सिमित है , इसलिए इसे ऐसे नहीं जिए जैसे की किसी और का जीवन जी रहे हो !
आप के पास सिर्फ एक ही जीवन है , इसे अपने तरह से जिए और जिस भी काम को करने में आपका मन लगता है वही करें। दूसरे लोगो की सोच के परिणामो से प्रभावित न हो।
और दूसरे के विचारो की बजाय अपने विचारो को महत्व दे . और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपने दिल की बात सुने ! आपके दिलो दिमाग को पहले से ही अच्छी तरह पता है कि आप वास्तव में क्या बनना चाहते है !
जब वे युवा थे तब एक आश्चर्यजनक प्रकाशन ‘द हॉल अर्थ कैटलॉग ‘ बिकता था , जो कि उनके पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण किताब थी ! इसे मेनलो पार्क में रहने वाले व्यक्ति स्टुअर्ट ब्रांड ने प्रकाशित किया था । यह साठ के दशक के अंतिम वर्षो की बात थी और तब पर्सनल कंप्यूटर और डेस्कटॉप प्रकाशन नहीं थे ,लेकिन तब भी यह google का पेपरबैक संस्करण था ।
स्टुअर्ट और उनकी टीम ने इस किताब के कई संस्करण निकाले और जब इसका समय पूरा हो गया तो इसने अंतिम संस्करण निकाला ! सत्तर के दशक के मध्य में यह अंक निकाला गया था और तब वे 18-20 साल के ही थे!
उस पुस्तक के अंतिम पेज पर सुबह की एक तस्वीर थी जिसमे ग्रामीण इलाका दर्शाया गया था ! इस तस्वीर के निचे शब्द लिखे थे “Stay Hungry ,Stay Foolish“ ( भूखे बने रहो और मुर्ख बने रहो )!
ये स्टीव जॉब्स का विदाई संदेश था जो बेहद प्रेरणादायक है।
हमेशा एक बात ध्यान में रखे
“do what you love and then love what you do”
” आपको जो काम करना अच्छा लगता है वहीं करें और जो काम करे वो पूरे दिल से करें”!
आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी।इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद.
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